यीशु मेरा सम्पूर्ण संसार

 


1. यीशु मेरा सम्पूर्ण संसार
जीवन आनन्द सब कुछ
वह मेरा बल दिन प्रति दिन
गिर जाऊँ उसके बिन
जब हो उदास पास उसके जाऊँ
और कोई हर्षित न कर सकता
जब में उदास देता उल्लास

वह मेरा मित्र


2. यीशु मेरा सम्पूर्ण संसार
संकट में मेरा मित्र
मैं जाता आशीष पाने और
वह देता है भरपूर
भेजता है वह धुप और वर्षा
भेजता फसल स्वर्ण गेहूँ का
धुप वर्षा फसल गेहूँ का
वह मेरा मित्र


3. यीशु मेरा सम्पूर्ण संसार
रहुँ मैं निष्ठावन
ऐसे मित्र को कैसे त्यागूँ
जब इतना वह सच्चा
जानूं मैं सही अनुसरण कर
दिन रात वह मेरा रख्ता ध्यान
दिन रात मै उसके पीछे चलुं
वह मेरा मित्र


4. यीशु मेरा सम्पूर्ण संसार
न बेहतर मित्र की चाह
भरोसा अब भरोसा जब
अन्त होता श्रणिक जीवन
सूंदर जीवन ऐसे मित्र संग
सूंदर जीवन का कोई न अंत
अनन्त जीवन अनन्त आनन्द
वह मेरा मित्र

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