ऐ छोटे शहर बेथलहम

 


ऐ छोटे शहर बैतलहम
तू कैसा है खामोश
आसमान पर तारे रोशन हैं
तू ख्वाब में क्यों मदहोश?
पर तेरे तारीक कूचों में
नूर है नमूदार
कदीम ज़मानों की उम्मीद
आज तुझ में है आशा.


मसीह मुज्जसम हुआ है
इंसान गमगीन मत हो
सब आओ मिलकर देखो
इस अजीब मुहब्बत को
फरिश्ते बरबत लेकर
सिताइश गाते हैं
खुदा की हम्द और सुलह का
वह गीत सुनाते हैं.


खामोशी में एक बेश बहा
बख्शीश है नमूदार
आसमानी बरकतों का अब
हर दिल में है इज़हार
हर आजिजा दिल में यीशु
तू दाखिल होता है
और ताइब गुनहगार को भी
कबूल तू करता है.


ऐ बैतलहम के बच्चे पाक
हमारे बीच में आ
फरोतन दिल में जाहिर हो
नेक दिली कर अता
पैगाम फरिश्ते देते
खुदा से हुआ मेल
आ अब हममें सकूनत कर तू
ऐ इम्मानुएल.

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