ईशवर तेरे समीप
1.ईश्वर तेरे समीप , मैं पहुचूं,
और क्रूस के द्वारा ही , सामर्थ पाऊं ,
यह गीत नित मैं गाऊंगा , तेरे समीप सदा ,
Ref
तेरे समीप सदा , और भी समीप
2. यात्री समान हूं डूब जावे दिन ,
अंधेरा छावे भी बिस्तर चट्टान,
नींद में मैं पाऊंगा दर्शन भी ईश्वर का ,
3. उठकर स्तुति तेरी मैं करूंगा ,
पत्थर से दुःखों पर जय पाऊंगा,
मुझे ईश्वर से क्या जो अलग करेगा ,
4. तू मुझे मार्ग दिखा स्वर्ग जाने का,
और लेकर मेरा हाथ मुझे चला,
दूतगण सहायता दे निकट पहुंचा,